पिता की याद में पंकज त्रिपाठी ने किया नेक काम; गांव के स्कूल में 300 किताबों के साथ बनाई लाइब्रेरी


हॅलो बॉलिवूड ऑनलाईन। बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस तिवारी का 21 अगस्त को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने पैतृक गांव बेलसंड में अंतिम सांस ली। एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई आए पंकज त्रिपाठी के पिता को अंत तक उनके काम में दिलचस्पी नहीं रही। लेकिन वह बेटे के लिए हमेशा खडे रहे। जिसके चलते पिता की मौत के बाद भी पंकज त्रिपाठी का नाता गांव से बंधा हुआ है। इस बीच, ऍक्टर ने अपने पिता की याद में गांव के बच्चों के लिए एक लाइब्रेरी की स्थापना की है।

   

अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपने गांव में एक पुस्तकालय स्थापित करके अपने पिता पंडित बनारस तिवारी को श्रद्धांजलि दी है। पंकज अपने पिता का अंतिम संस्कार करने गांव गए थे। इस दौरान उन्होंने मुंबई लौटने से पहले अपने गांव के माध्यमिक विद्यालय को भेट दी। यहां उन्होंने बच्चों से बातचीत की। पढ़ाई के लिए कुछ टिप्स भी दिये। इसके अलावा उन्होंने स्कूल प्रबंधन से स्कूल में बेहतर व्यवस्था करने को लेकर भी चर्चा की। पंकज ने अपनी पढ़ाई बेलसंड हाई स्कूल से की है। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह पटना और वहां से मुंबई आ गये।

इस बीच, पंकज का अपने पैतृक गाँव से रिश्ता मजबूत बना रहा क्योंकि उनके माता- पिता गाँव में ही रहते थे। इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो वे गांव चले जाते थे। अब उन्होंने अपने गांव में स्कूल के विकास की सामाजिक जिम्मेदारी ली है। वे अच्छी व्यवस्था करना चाहते हैं ताकि बच्चों को पढ़ाई का अच्छा माहौल मिल सके। उनका कहना है कि इससे गांव के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी। पंकज त्रिपाठी, उनके बड़े भाई बिजेंद्र तिवारी, भतीजे मधेश तिवारी ने स्कूल में लाइब्रेरी की स्थापना की है। इस लाइब्रेरी में दिलचस्प कहानी की किताबें, प्रेरक किताबें और अन्य पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों का संग्रह है।


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