हॅलो बॉलिवूड ऑनलाईन। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में 4 मई को बेहद जघन्य घटना घटी। जिस के वीडियो गुरुवार को आईटीएलएफ के आंदोलन के दौरान वायरल किए गये। इसमें कुछ लोग आदिवासी समुदाय की 2 असहाय महिलाओं को निर्वस्त्र कर रहे थे और उनके शरीर को छू रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि, इन महिलाओं को सामूहिक यातनाएं दी गईं और उनके कपड़े उतार दिए गए। एक तरफ दंगे हो रहे हैं तो दूसरी तरफ कानून व्यवस्था पे दाग लग रहे है। इस घटना पर सिर्फ जनता नें नहीं बल्कि सेलिब्रिटीज ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है। जिसमें अभिनेता आशुतोष राणा भी शामिल है।
इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है।
जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते…
— Ashutosh Rana (@ranaashutosh10) July 20, 2023
आशुतोष राणा ने सोशल मीडिया ट्विटर पर ट्विट शेअर करते हुए लिखा, ‘इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है। जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं। लोकतंत्र के इन चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे।’
‘अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है, सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं। हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान.. आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की भाँति है।’